योजना का परिचय
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना [Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana] भारत सरकार द्वारा चलाई जा रही एक महत्वाकांक्षी योजना है, जिसका उद्देश्य अनाथ बच्चों, बेसहारा बच्चों और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को शिक्षा, स्वास्थ्य, और सुरक्षा प्रदान करना है। इस योजना के तहत सरकार बच्चों को वित्तीय सहायता के साथ-साथ उनके सर्वांगीण विकास के लिए आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध कराती है। मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना (Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana) मध्य प्रदेश सरकार की एक महत्वपूर्ण पहल है, जिसका उद्देश्य अनाथ और कमजोर बच्चों को वित्तीय और शैक्षिक सहायता प्रदान करना है। इस योजना का मुख्य उद्देश्य बच्चों को समाज में पुनः स्थापित करना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना के तहत, पात्र बच्चों को आर्थिक मदद दी जाती है. इस योजना के तहत, पात्र बच्चों को हर महीने 4,000 रुपये की आर्थिक मदद दी जाती है. यह रकम बच्चे और उसके रिश्तेदार या अभिभावक के संयुक्त खाते में जमा की जाती है. यह मदद कम से कम एक साल के लिए दी जाती है. अगर बच्चे या परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होता, तो इस अवधि को बढ़ाया जा सकता है. हालांकि, किसी भी स्थिति में, यह मदद 18 साल की उम्र के बाद नहीं दी जाती

इस योजना के तहत, बच्चों को चिकित्सा सहायता भी दी जाती है. इसके लिए, स्वास्थ्य विभाग हर बच्चे के लिए आयुष्मान कार्ड बनाता है.
Table of Contents
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना | Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana.
इस योजना की आवश्यकता क्यों है?.
पात्रता (Eligibility Criteria)
आवश्यक दस्तावेज (Documents Required)
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
योजना के लाभ (Benefits)
- बच्चों को ₹2,000 से ₹5,000 तक की मासिक वित्तीय सहायता।
- मुफ्त शिक्षा और वर्दी।
- पोषण आहार की सुविधा।
- स्वास्थ्य बीमा।
- मानसिक स्वास्थ्य और काउंसलिंग।
- स्किल डेवलपमेंट ट्रेनिंग।
इस योजना (Mukhyamantri Bal Ashirwad Yojana) के तहत सहायता दो प्रकार की होगी –
A] आफ्टर केयर
इंटर्नशिप:
इंटर्नशिप और रोजगार व्यक्ति की योग्यता के अनुसार दिया जाएगा। इंटर्नशिप के दौरान ₹5,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी। यह राशि इंटर्नशिप की अवधि तक या अधिकतम एक वर्ष तक दी जाएगी, जो भी पहले पूरा हो। लेकिन किसी भी स्थिति में यह सहायता एक वर्ष से अधिक नहीं होगी।
व्यवसायिक प्रशिक्षण:
सरकारी संस्थानों में पॉलिटेक्निक डिप्लोमा, आईटीआई, पैरामेडिकल कोर्स, नर्सिंग, होटल मैनेजमेंट, टूरिज्म, प्रधानमंत्री/मुख्यमंत्री कौशल विकास योजनाओं के तहत व्यवसायिक प्रशिक्षण मुफ्त में दिया जाएगा। प्रशिक्षण के दौरान ₹5,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता दी जाएगी। यह सहायता प्रशिक्षण की अवधि तक या अधिकतम दो वर्ष तक दी जाएगी, जो भी पहले पूरा हो। लेकिन किसी भी स्थिति में यह सहायता दो वर्ष से अधिक नहीं होगी।
तकनीकी, चिकित्सा, आयुष और विधिक शिक्षा सहायता:
NEET, JEE या CLAT जैसे प्रवेश परीक्षाओं के आधार पर सरकारी/गैर-सरकारी संस्थानों में दाखिला लेने वाले केयर लीवर्स को पढ़ाई के दौरान ₹5,000 से ₹8,000 प्रति माह की वित्तीय सहायता मिलेगी। इसके अलावा, फीस रेगुलेटरी कमीशन द्वारा निर्धारित शुल्क राज्य सरकार वहन करेगी, जो कोर्स की अवधि तक लागू रहेगा।
B] प्रायोजन (Sponsorship)
आर्थिक सहायता:
योजना के तहत पात्र पाए गए प्रत्येक बच्चे को ₹4,000 प्रति माह की राशि दी जाएगी। यह राशि बच्चे और उसके अभिभावक के संयुक्त खाते में जमा होगी। यह सहायता कम से कम 1 वर्ष तक दी जाएगी। यदि बच्चे या परिवार की आर्थिक स्थिति में सुधार नहीं होता है, तो यह अवधि बढ़ाई जा सकती है। लेकिन किसी भी स्थिति में यह सहायता बच्चे के 18 वर्ष की उम्र के बाद नहीं दी जाएगी।
चिकित्सा सहायता:
प्रत्येक बच्चे का आयुष्मान कार्ड स्वास्थ्य विभाग द्वारा बनाया जाएगा, ताकि उन्हें चिकित्सा सहायता मिल सके। आयुष्मान कार्ड बनाने के लिए जिला कार्यक्रम अधिकारी, महिला एवं बाल विकास विभाग, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी को बच्चों की सूची और आवश्यक जानकारी उपलब्ध कराएंगे।
इस योजना की आवश्यकता क्यों है?
भारत में लाखों बच्चे अनाथ हैं या ऐसे परिवारों से आते हैं जो उन्हें बुनियादी सुविधाएं देने में असमर्थ हैं।
- शिक्षा का अभाव
- पोषण की कमी
- स्वास्थ्य समस्याएं
- भावनात्मक समर्थन की जरूरत
इन्हीं समस्याओं को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना को लागू किया गया है। यह योजना न केवल बच्चों को आत्मनिर्भर बनाने में मदद करती है, बल्कि उन्हें एक उज्जवल भविष्य का आधार भी प्रदान करती है।

योजना का इतिहास और पृष्ठभूमि
मुख्यमंत्री बाल आशीर्वाद योजना की शुरुआत 2021 में की गई थी। इसका उद्देश्य कोविड-19 महामारी में अनाथ हुए बच्चों की मदद करना था। धीरे-धीरे इस योजना का दायरा बढ़ाया गया और इसे हर उस बच्चे तक पहुंचाने की कोशिश की गई जो गरीबी या अन्य कारणों से पिछड़ रहे हैं।
पात्रता (Eligibility Criteria)
इस योजना के तहत आवेदन करने के लिए निम्नलिखित पात्रताएं अनिवार्य हैं:
- आयु सीमा: 0 से 18 वर्ष के बच्चे।
- स्थिति:
- अनाथ बच्चे।
- कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवार के बच्चे।
- बेसहारा बच्चे।
- परिवार की वार्षिक आय: ₹2,00,000 से कम।
- अन्य शर्तें: बाल आश्रम या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी के अंतर्गत आने वाले बच्चे।
आवश्यक दस्तावेज (Documents Required)
- जन्म प्रमाण पत्र
- आधार कार्ड
- माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र (अनाथ बच्चों के लिए)
- परिवार की आय प्रमाण पत्र
- बाल वेलफेयर कमेटी से संबंधित प्रमाणपत्र
- बैंक खाता विवरण
आवेदन प्रक्रिया (How to Apply)
- ऑफलाइन प्रक्रिया:
- अपने नजदीकी जिला बाल संरक्षण कार्यालय या चाइल्ड वेलफेयर कमेटी से संपर्क करें।
- आवश्यक दस्तावेज जमा करें।
- आवेदन फॉर्म भरें और सबमिट करें।
- ऑनलाइन प्रक्रिया:
- राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट पर जाएं।
- “MukhyaMantri Bal Ashirwad Yojana” के लिंक पर क्लिक करें।
- रजिस्ट्रेशन करें और दस्तावेज़ अपलोड करें।
- आवेदन फॉर्म सबमिट करें।
अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्न (FAQs)
Q1: इस योजना का लाभ कौन-कौन ले सकता है?
A1: इस योजना का लाभ अनाथ, बेसहारा, और कमजोर आर्थिक स्थिति वाले बच्चों को मिलता है।

Q2: आवेदन के लिए किससे संपर्क करें?
A2: जिला बाल संरक्षण कार्यालय या राज्य सरकार की आधिकारिक वेबसाइट से आवेदन कर सकते हैं।
Q3: आवेदन के लिए कितना समय लगता है?
A3: आवेदन प्रक्रिया पूरी होने में लगभग 15-30 दिन का समय लगता है।
Q4: योजना के तहत कितनी वित्तीय सहायता मिलती है?
A4: बच्चों को उनकी स्थिति के आधार पर ₹2,000 से ₹5,000 मासिक सहायता प्रदान की जाती है।
Q5: योजना में पंजीकरण के लिए कौन-कौन से दस्तावेज चाहिए?
A5: जन्म प्रमाण पत्र, आय प्रमाण पत्र, और माता-पिता का मृत्यु प्रमाण पत्र अनिवार्य हैं।